Examine This Report on sidh kunjika
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
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देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
लाइफस्टाइल यूटिलिटी न्यूज़ट्रैवलजनरल नॉलेजफैशनऐग्रकल्चरहेल्थ
On chanting normally, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we pay attention, and the more we attune ourselves towards the vibration website of what is being said, then the greater We're going to inculcate that Mind-set. Our intention amplifies the Mind-set.”
ग्रहों के अशुभ प्रभाव खत्म हो जाते हैं. धन लाभ, विद्या अर्जन, शत्रु पर विजय, नौकरी में पदोन्नति, अच्छी सेहत, कर्ज से मुक्ति, यश-बल में बढ़ोत्तरी की इच्छा पूर्ण होती है.